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सोनभद्र जनपद की मुख्य नदी सोन के नाम पर ही इस जिले का सोनभद्र नाम पड़ा। यहाॅ की ज्यादेतर आबादी गंावो में निवास करती है।विकास की संजीवनी शिक्षा विशेषकर उच्च शिक्षा की सुविधा न होने से विकास की गति काफी धीमी है। राष्ट्र व विकास की मुख्य धारा से जोड़ने की सोच ने प्रियदर्शी अशोक महाविधालय की स्थापना का जन्म हुआ। 11 अप्रैल 2011 दिन सोमवार को भारत के महानतम शासक प्रियदर्शी सम्राट अशोक महान के जन्म दिन व शिक्षा के प्रेणता महामना ज्योतिवाराव फूले के जन्म दिन पर श्री सुरेन्द्र सिंह कुशवाहा पूर्व कुलपति महात्मा गांधी काशी विधापीठ वाराणसी की अध्यक्षता में श्री पनधारी यादव आई0ए0एस जिलाधिकारी सोनभद्र के कर कमलों द्वारा महाविद्यालय भवन का शिलान्यास किया गया।

दिनांक 30-07-2013 को स्नातक स्तर पर कला संकाय के अन्तर्गत हिन्दी,अंग्रेजी,राजनीतिशास्त्र,अर्थशास्त्र,समाजशास्त्र,गृह विज्ञान, प्राचीन इतिहास, शिक्षाशास्त्र, भूगोल, चित्रकला विषय में मान्यता/सम्बद्धता प्रदान की गयी है। निकट भविष्य में महाविधालय भवन का विस्तार होने पर अन्य विषय के साथ ही साथ वाणिज्य एवं विज्ञान संकाय के साथ स्नाकोत्तर एवं बी0एड0 में शिक्षण संचालन की कार्यवाही प्रराम्भ होगी। महाविधालय अपने सीमित संसाधनों में एक पुस्तकालय एवं वाचनालय संचालित कर रहा है तथा कम्प्यूटर शिक्षा के क्षेत्र में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान कर रहा है।